स्वास्थ्य विभाग ने धर्मशाला और मैक्लोडगंज में कोरोना वायरस को लेकर हाई अलर्ट जारी किया,विदेशी पर्यटकों की काउंसलिंग की जाएगी

 धर्मशाला
कोरोना वायरस
स्वास्थ्य विभाग ने पर्यटन नगरी धर्मशाला और मैक्लोडगंज में कोरोना वायरस को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है। मैक्लोडगंज पीएचसी में चीन सहित विभिन्न देशों से आने वाले सभी पर्यटकों की काउंसलिंग के लिए एक सेंटर भी स्थापित किया है। जहां पर विदेशी पर्यटकों की पूरी काउंसलिंग की जाएगी। उसके बाद भी वह धर्मशाला सहित अन्य क्षेत्रों में घूम सकते हैं। दलाई लामा मंदिर और आसपास के क्षेत्र में घूमने वाले पर्यटकों पर भी विशेष निगरानी रखी जाएगी।

काउंसलिंग सेंटर में स्वास्थ्य विभाग ने टीम तैनात की है। इसके अलावा टांडा अस्पताल में भी विशेष वार्ड का प्रबंध किया है। हालांकि, अभी तक प्रदेश में कोरोना वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है, बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग ने अपनी ओर से पूरी तैयारी कर रखी है। वहीं, निर्वासित तिब्बत सरकार और जिला प्रशासन कांगड़ा ने कोरोना वायरस को लेकर शनिवार शाम आनन-फानन में संयुक्त बैठक की। जिसकी अध्यक्षता एडीसी कांगड़ा राघव शर्मा ने की। इस मौके पर एसडीएम धर्मशाला हरीश गज्जू सहित निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रतिनिधि व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

कोरोना वायरस से बचाव

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर प्रशासन व निर्वासित तिब्बत सरकार के साथ बैठक हुई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मैक्लोडगंज में काउंसलिंग सेंटर स्थापित किया गया है, जिसमें चीन सहित सभी विदेशी पर्यटकों की काउंसलिंग की जाएगी।

ऐसे करें बचाव
घर से बाहर मुंह पर मास्क का प्रयोग करके निकलें।
-हैंड सेनिटाइजर का उपयोग करें।
– खांसते समय रुमाल का प्रयोग करें।
-जुकाम, बुखार और इंफेक्शन की समस्या हो तो उससे दूरी बनाकर रखें।
-इंफेक्शन के लक्षण नजर आ रहे हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

वायरस के लक्षण
नाक बहना, सिरदर्द, खांसी, गले में खराश, बुखार, अस्वस्थ महसूस करना, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले वृद्ध एवं छोटी आयु वाले बच्चों को इस वायरस से ज्यादा खतरा बना रहता है।

संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए करें ये बचाव
नाक बहने पर अपने हाथ साबुन और पानी या अल्कोहल युक्त हैंड्रब से साफ करें।
-सिरदर्द, हंसते या चीखते समय अपनी नाक और मुंह को टिशू या मुड़ी हुई कोहनी से ढकें।
-मीट और अंडों को अच्छे से पकाएं।
-जंगली और खेतों में रहने वाले जानवरों के साथ असुरक्षित संपर्क न बनाएं।

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